दैनिक प्रतियोगिता हेतु स्वैच्छिक विषय पूर्णिका सरस्वती मां
सरस्वती माँ तुम्हें मैं मनाती रहूँ।
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सरस्वती मां तुम्हें मैं मनाती रहूँ।
जब तलक मां रहूँ गीत गाती रहूँ।
श्वेतवर्णी कमल पर विराजी हो मां,
वीणा के स्वर में मां गुनगुनाती रहूँ।
श्वेत अम्बर सदा आप धारण करें,
चरणरज अपने सरपे सजाती रहूँ।
करमें पुस्तक तुम्हारे सदा सोहती,
आपके कर से आशीष पाती रहूँ।
हर समय मनमें चिंतन रहे आपका
मन में मूरत तुम्हारी सजाती रहूँ।
सरिता सी ज्ञान धारा हमें दीजिए,
आपकी ज्ञान धारा बढ़ाती रहूँ।
सुनीता गुप्ता'सरिता'कानपुर
Alka jain
01-Mar-2023 06:59 PM
Nice 👍🏼
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Renu
26-Feb-2023 05:05 PM
👍👍🌺
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सीताराम साहू 'निर्मल'
24-Feb-2023 02:22 PM
बहुत खूब
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